Chaitra Navratri : अष्टमी- नवमी पर मां महागौरी और सिद्धिदात्री को ऐसे लगाएं भोग, जानें कौन-सा चढ़ावा है शुभ
Poddar News, Delhi
- Last updated: Tue, 31 Mar 2020 06:51 PM
कोरोना लॉकडाउन के बीच चैत्र नवरात्रि अष्टमी और नवमी पूजन करने के तरीके को आपको बदलना होगा। आप पूजन करके दान कर सकते हैं। वहीं, आप अपनी मान्यतानुसार अष्टमी करें या नवमी, आप दोनों ही दिन महागौरी और मां सिद्धिदात्री की पसंद का भोग लगाकर अपने घर में प्रसाद के रूप में इसे वितरित कर सकते हैं।
कब है अष्टमी और नवमी
चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन अष्ट,मी और नौवें दिन नवमी मनाई जाती है। इस बार अष्टीमी 1 अप्रैल को है, जबकि नवमी 2 अप्रैल को मनाई जाएगी। इसी दिन राम नवमी का त्योहार भी है।
चैत्र नवरात्रि के आठवें दिन अष्ट,मी और नौवें दिन नवमी मनाई जाती है। इस बार अष्टीमी 1 अप्रैल को है, जबकि नवमी 2 अप्रैल को मनाई जाएगी। इसी दिन राम नवमी का त्योहार भी है।
महागौरी
महागौरी के सभी आभूषण और वस्त्रव सफेद रंग के हैं इसलिए उन्हेंन श्वेरताम्बोरधरा भी कहा जाता है। नवरात्र के आठवें दिन महागौरी की पूजा की जाती है और मां को नारियल का भोग लगाया जाता है। इस दिन नारियल दान में देने का विधान है। मान्यकता है कि मां को नारियल का भोग लगाने से नि:संतानों की मनोकामना पूरी होती है।
मां सिद्धिदात्री
पौराणिक मान्यताओंं अनुसार भगवान शिव ने सिद्धिदात्री की कृपा से ही अनेकों सिद्धियां प्राप्त की थीं। मां की कृपा से ही शिवजी का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसी कारण शिव 'अर्द्धनारीश्वर' नाम से प्रसिद्ध हुए। मां सिद्धिदात्री का मनपसंद भोग नारियल, खीर, नैवेद्य और पंचामृत हैं।
पौराणिक मान्यताओंं अनुसार भगवान शिव ने सिद्धिदात्री की कृपा से ही अनेकों सिद्धियां प्राप्त की थीं। मां की कृपा से ही शिवजी का आधा शरीर देवी का हुआ था। इसी कारण शिव 'अर्द्धनारीश्वर' नाम से प्रसिद्ध हुए। मां सिद्धिदात्री का मनपसंद भोग नारियल, खीर, नैवेद्य और पंचामृत हैं।
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