लॉकडाउन के दौरान किसी भी शहर में लाखों लोगों के पास इस समय कोई काम नहीं है। परिवार का खर्च चलाना मुश्किल हुआ तो अब तमाम लोग सब्जी और फल के ठेले लगाने लगे। इन्हीं में से एक हैं उत्तम नगर निवासी मनोज। घर की स्थिति को देख शर्म छोड़कर ठेला चलाना शुरू कर दिया।
पीपल चौक बाजार वाली रोड पर ठेला लेकर आ रहे एक युवक पर निगाह पड़ी। देखने से ही लग रहा था कि पहली बार इस शख्स ने ठेला लगाया है। पूछने पर बात सही निकली। यह थे मनोज जो लॉक डाउन के पहले बर्तन के शोरूम में काम किया करते थे। वहां अपनी मीठी भाषा से एक दिन में 10,000 से 20,000 का बर्तन बेच डालते थे। पिछले एक महीने से घर पर बैठे हैं। पूछने पर इनकी आंख भर आई।
डीएवी कॉलेज से ग्रेजुएट हूं, मजबूरी में क्या करें
थोड़ दूर बढ़ने पर बाला जी चौक पर अजय शर्मा मिल गए। बताया कि डीएवी कॉलेज से ग्रेजुएट हैं। कपड़ो की एक फर्म में काम करते थे। लॉकडाउन में फर्म बंद हो गई। कोई काम नहीं है। कुछ दिन तो जैसे-तैसे काम चला, अब मजबूरी में ठेला लगा लिया। इसी तरह विकास पूरी में श्रीवास्तव जी फल बेचने निकले थे। पुलिस ने रोक लिया। बाइक पर ही पीछे फल रखा हुआ था। पूछने पर बताया कि होम डिलीवरी में फल बेचने जा रहा। कुछ काम न होने से यह काम बेहतर है। कम से कम खर्च तो चलेगा।
इस तरह से पता चलता है दोस्तो रोटी की किमत कितनी है
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