रावण रामायण का एक प्रमुख प्रतिचरित्र है। रावण लंका का राजा था। वह अपने दस सिरों के कारण भी जाना जाता था, जिसके कारण उसका नाम दशानन (दश = दस + आनन = मुख) भी था। रावण में अनेक गुण भी थे। सारस्वत ब्राह्मण पुलस्त्य ऋषि का पौत्र और विश्रवा का पुत्र रावण एक परम भगवान शिव भक्त, उद्भट राजनीतिज्ञ , महाप्रतापी, महापराक्रमी योद्धा, अत्यन्त बलशाली , शास्त्रों का प्रखर ज्ञाता, प्रकान्ड विद्वान, पंडित एवं महाज्ञानी था।
लंकापति रावण एक महापंडित था, जिसने कठोर तपस्या कर के ढेर सारा ज्ञान अर्जित किया था। रावण की एक पत्नी थी, जिसका नाम मंदोदरी था और वह उससे अति प्रेम करता था। लेकिन रामचरित मानस के अनुसार जब रावण ने सीता का हरण कर लिया तब उसके बाद श्रीराम वानर सेना सहित समुद्र पार करके लंका पहुंच गए थे, तब मंदोदरी डर गई और उसने रावण के पास जा कर बोला कि आप युद्ध ना करें और सीता को वापस उनके पति श्रीराम के हवाले कर दें और उनसे क्षमा मांग लें।
लंकापति रावण एक महापंडित था, जिसने कठोर तपस्या कर के ढेर सारा ज्ञान अर्जित किया था। रावण की एक पत्नी थी, जिसका नाम मंदोदरी था और वह उससे अति प्रेम करता था। लेकिन रामचरित मानस के अनुसार जब रावण ने सीता का हरण कर लिया तब उसके बाद श्रीराम वानर सेना सहित समुद्र पार करके लंका पहुंच गए थे, तब मंदोदरी डर गई और उसने रावण के पास जा कर बोला कि आप युद्ध ना करें और सीता को वापस उनके पति श्रीराम के हवाले कर दें और उनसे क्षमा मांग लें।
पहला अवगुण - महिला में बहुत ज्यादा साहस होना। इसके चलते वो कई बार उस जगह पर साहस का प्रदर्शन कर देती हैं, जहां उन्हें नहीं करना चाहिये। इससे उन्हें और उनके परिवार वालों को बाद में पछताना पड़ता है। साहस को दु:साहस नहीं बनाना चाहिये।
दूसरा अवगुण - रावण ने कहा था कि महिलाएं बात बात पर झूंठ बोलती हैं, लेकिन उन्हें नहीं पता कि झूंठ ज्यादा दिनों तक छुप नहीं पाता।
तीसरा अवगुण - काफी चंचल होती हैं। उनका मन बार बार बदलता रहता है और उनके मन की बात को समझना काफी मुश्किल होता है।
चौथा अवगुण - महिलाये कई बार दूसरों के खिलाफ साजिश भी रचती हैं ताकि परिस्थिति उनके अनुकूल हो। अपना काम सिद्ध कराने के लिए महिलाएं क्या-क्या करती हैं, इसकी भी चर्चा की है रावण ने।
पांचवां अवगुण - हांलाकि वो एक ओर तो साहसी होती हैं मगर वे उतनी ही जल्दी घबरा भी जाती हैं। अगर उन्हें लगता है कि काम उनके मुताबिक नहीं हो रहा है तो, वह बदलाव देख डर जाती हैं।
छठा अवगुण - महिलाएं थोड़ी मूर्ख भी होती हैं। वे बिना सोचे समझे फैसला कर लेती हैं और बड़ी समस्या में पड़ जाती हैं और इसका एहसास उन्हें बड़ी देर से होता है।
सातवां अवगुण - स्त्रियों को पुरुषों के मुकाबले दयालु माना जाता है, लेकिन रावण के अनुसार स्त्रियां निर्दयी होती है। वे अगर कभी दया का भाव छोड़ दे यानि निर्दयी हो जाए तो कभी भी दया नहीं दिखाती।
आठवां अवगुण - महिलाएं देखने में चाहे कितनी भी सुंदर हों, खूबसूरत गहने और साड़ी पहने, लेकिन वह साफ-सफाई का ध्यान नहीं रखती। इस कारण से रावण ने महिलाओं को अपवित्र कहा था।
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