केंद्र सरकार ने लॉकडाउन 2.0 में दिशा निर्देश जारी किया है कि खरीदारी कैसे की जाएगी, हालांकि ना तो विपक्षी दल और ना तो व्यापारिक संगठन सरकार के इस आदेश से सहमत है. दरअसल व्यापारिक संगठन ये कहते हुए नजर आ रहे हैं कि कोरोना का जोखिम झेलते हुए और तमाम तरह की दिक्कत उठाते हुए लॉकडाउन 1.0 में उन्होंने वस्तुओं की सप्लाई को जारी रखा. ऐसे में अब ये देखने को मिल रह है कि ई-कॉमर्स कंपनियों को सरकार ने लॉकडाउन 2.0 में छूट दे दिया है, तो वहीं स्थानीय दुकानदारों को सरकार ने दरकिनार कर दिया है.
उड़ीसा और महाराष्ट्र ने गैर-जरूरी वस्तुओं के कारोबार की इजाजत देते हुए स्थानीय व्यपारियों को नुकसान पहुंचाया है.
राज्य आदेश को लें वापस
महाराष्ट्र और उड़ीसा सरकार के द्वारा जारी किए गए आदेश को वापस लेने के लिए कैट प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है. जिस आदेश में महाराष्ट्र और उड़ीसा सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों को मंजूरी दी है सभी वस्तुओं का व्यपार करने के लिए. गृह मंत्रालय ने ई-कॉमर्स कंपनियों को आवश्यक वस्तुओं को बेचने के लिए कहा गया है, इस बारे में खंडेलवाल ने जानकारी दी है.
इस मामलें में कैट ने केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को भेजे गए लेटर में महाराष्ट्र और उड़ीसा सरकार के द्वारा जारी किए गए अधिसूचनाओं पर आपत्ति जताई है. बता दें गृह मंत्रालय की तरफ से 15 अप्रैल को जारी की गई अधिसूचनाएं दिशा- निर्देशों के खिलाफ है. बाजार में एस तरह के आदेशों से एक असमान स्तर बन जाएगा, इतना ही नहीं बल्कि गलत तरीके विवाद होगा. स्थानीय दुकानदारों ने लॉकडाउन के पहले चरण में जरूरी वस्तुओं की सप्लाई जारी रखी थी
Disclaimer: This story is auto-aggregated by a computer program and has not been created or edited by PoddarNews. Publisher: Cric Hindi News
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें