मंगलवार, 31 मार्च 2020

कोरोना वायरस की फैक्ट्री निजामुद्दीन की राज...........

नई दिल्ली. राजधानी के निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी जमात के मरकज यानी इस्लामिक धार्मिक आयोजन केंद्र में कोरोनावायरस संक्रमण का सबसे बड़ा मामला सामने आया है। गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा- 21 मार्च तक हजरत निजामुद्दीन मरकज में करीब 1 हजार 746 लोग ठहरे हुए थे। इनमें 216 विदेशी और 1530 भारतीय नागरिक थे। मरकज के कार्यक्रम के अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में करीब 824 विदेशी नागरिक 21 मार्च तक तब्लीग की गतिविधियों में शामिल थे। इस बीच, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को निजामुद्दीन मरकज में शामिल होने वाले राज्य के 100 नागरिकों को क्वारैंटाइन करने के निर्देश दिए।
गृह मंत्रालय ने कहा कि इन सभी 824 विदेशी नागरिकों की जानकारी राज्यों की पुलिस को दे दी गई थी, ताकि उनकी मेडिकल स्क्रीनिंग और क्वारैंटाइन के इंतजाम किए जा सकें। इसके बाद 28 मार्च को सभी राज्यों को भारतीय तब्लीग जमात के लोगों की जानकारी इकठ्ठा करने की सलाह दी गई थी, ताकि उन्हें जांच के बाद क्वारैंटाइन किया जा सके।
11 राज्यों में संक्रमण का खतरा
यहां से संक्रमण का कनेक्शन दिल्ली समेत 11 राज्यों से जुड़ रहा है। इनमें महाराष्ट्र, असम, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, पुडुचेरी, तमिलनाडु , कर्नाटक, अंडमान-निकोबार, आंध्र प्रदेश और श्रीनगर शामिल है।
मरकज से देशभर में पहुंचे लोग
मरकज में 1 से 15 मार्च के दौरान हुए कार्यक्रम में देश और विदेश के 5 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए थे। लेकिन इसके बाद भी करीब 2000 लोग यहां रुके रहे। लॉकडाउन से पहले देश के कई हिस्सों से शामिल हुए लोग अपने घरों को लौट गए। इनमें से अंडमान-निकोबार के 10 में से 9 लोग पॉजिटिव निकले थे। एक संक्रमित कर्नाटक में मिला। इस तरह दिल्ली समेत 34 जमातियों के संक्रमित होने की खबर सामने आ रही है। हालांकि, इनकी संख्या इससे ज्यादा हो सकती है। उधर, तेलंगाना सरकार ने सोमवार को बताया था कि इस कार्यक्रम शामिल हुए 6 संक्रमित लोगों की मौत हो गई है। एक जमाती की मौत श्रीनगर में हुई।
अब तक 1 हजार 548 लोगों को निकाला गया
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा- अब तक 1 हजार 548 लोगों को निजामुद्दीन मरकज से बाहर निकला गया है। उनमें से 441 लोगों को बुखार और खांसी जैसे लक्षण मिलने पर अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। उनके जरूरी टेस्ट भी कराए जा रहे हैं। मरकज के 1 हजार 107 लोगों में लक्षण नहीं मिले हैं, इसलिए इन्हें क्वारंटाइन में रखा गया है।
दिल्ली सरकार ने एफआईआर करने को कहा
केजरीवाल ने कहा- सरकार ने निजामुद्दीन मरकज मामले में एफआईआर दर्ज करने के लिए उप राज्यपाल को पत्र लिखा था। मुझे पूरी उम्मीद है कि वह इस मामले में जल्द ही आदेश देंगे। अगर किसी अधिकारी की ओर से कोई लापरवाही पाई गई तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
तमिलनाडु में एक हजार लोगों की तलाश

पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणस्वामी ने कहा कि पुडुचेरी से कुल छह नागरिक इस कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। इनमें से 5 लोगों को आइसोलेशन में रखकर उनकी निगरानी की जा रही है। इनकी जांचें भी कराई जाएंगी।

तमिलनाडु के स्वास्थ्य विभाग के अफसर ने बताया कि राज्य में इस कार्यक्रम में शामिल हुए एक हजार लोगों की तलाश की जा रही है। उधर, यूपी ने बताया कि राज्य से 157 लोग शामिल हुए थे। इनकी जानकारी इकट्ठा की जा रही है।

तेलंगाना सरकार ने सोमवार रात को बताया कि मरकज के कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों ने राज्य में दूसरे लोगों को संक्रमण फैलाया है। इन लोगों में से 6 की मौत हो गई है। इनमें से दो की गांधी अस्पताल में मौत हुई। अपोलो अस्पताल, ग्लोबल अस्पताल, निजामबाद और गढ़वाल अस्पताल में एक-एक की जान गई।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,दिल्ली से अंडमान निकोबार लौटे 10 लोग पॉजिटिव पाए गए। उधर, कश्मीर के करीब 100 लोगों ने इसमें हिस्सा लिया। इनमें से एक व्यक्ति श्रीनगर से था। इसकी मौत हो गई।

कर्नाटक सरकार ने बताया कि राज्य के ज्यादातर जिलों से लोगों ने दिल्ली में तब्लीगी जमात कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। बेंगलुरु के 24 लोग हैं। हमने 54 लोगों को क्वारैंटाइन किया है। 8 लोग बिदार से हैं। इनमें से एक पॉजिटिव है। हमने उसे अलग-थलग कर दिया। 

उधर, असम के 299 लोगों ने भी तब्लीगी जमात कार्यक्रम में हिस्सा लिया था। सरकार इनकी जानकारी जुटा रही है।

पूरे मामले को ऐसे समझिए
1. मरकज बिल्डिंग: इस्लामी शिक्षा का दुनिया में सबसे बड़ा केंद्र
निजामुद्दीन का यह मरकज इस्लामी शिक्षा का दुनिया में सबसे बड़ा केंद्र है। यहां कई देशों के लोग आते रहते हैं। यहां तब्लीगी जमात के मरकज में 1 से 15 मार्च तक 5 हजार से ज्यादा लोग आए थे। इनमें इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड के लोग भी शामिल थे। 22 मार्च को लॉकडाउन की घोषणा के बाद भी यहां 2 हजार लोग ठहरे हुए थे। इनमें से 300 से ज्यादा लोगों के कोरोना संक्रमित होने की आशंका है। इन्हें सर्दी, खांसी और जुकाम की शिकायत है।
2. बुजुर्ग को तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल ले गए तो हुआ जमावड़े का खुलासा
दिल्ली की निजामुद्दीन कॉलोनी स्थित तब्लीगी जमात में 14-15 मार्च के बाद से लगातार विदेशियों का आना-जाना लगा था। 100 विदेशियों के अलावा यहां 1900 से ज्यादा लोग मौजूद थे। जनता कर्फ्यू और फिर लॉकडाउन की घोषणा के बाद भी मरकज प्रमुख ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं किया। इसी बीच, यहां रुके तमिलनाडु के 64 साल के बुजुर्ग को तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल ले जाना पड़ा था, जहां रविवार को उनकी मौत हो गई। अभी उनकी जांच रिपोर्ट नहीं आई है। मौत की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासन ने सक्रियता दिखाते हुए मरकज में जांच की। यहां एक-एक कमरे में 8-10 लोग ठहरे थे। इनमें से कई को हल्की खांसी और जुकाम की शिकायत भी थी। इतनी तादाद में संदिग्ध मिलने पर प्रशासन ने डीटीसी की बसें लगाकर लोगों को तीन अस्पतालों में पहुंचाया। इसके बाद सोमवार देर शाम तेलंगाना के मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि आयोजन में गए उनके राज्य के 6 लोगों की मौत हो गई है। कश्मीर के सोपोर से यहां पहुंचे एक अन्य 65 साल बुजुर्ग ने भी पिछले हफ्ते श्रीनगर में कार्डियक अरेस्ट के बाद दम तोड़ दिया था। देश के अलग-अलग राज्यों ने तब्लीगी जमात में गए लोगों को चिह्नित करना शुरू कर दिया है।
3. दूसरे राज्यों में 800 लोग जा चुके हैं, इन्हें खोजा जा रहा है
विदेश से आए लोग यहां काफी समय से रह रहे थे। सोशल डिस्टेंसिंग की तमाम अपीलों के बावजूद यहां हजारों लोग मौजूद थे। पिछले दिनों यहां से करीब 800 लोग बाहर जा चुके हैं। पुलिस इन्हें ढूंढ़ रही है। आशंका जताई जा रही है कि ये लोग अन्य राज्यों में भी पहुंच चुके हैं। यूपी सरकार ने 18 जिलों की पुलिस को इन्हें ढूंढ़ने के आदेश दिए हैं।

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आज बिहार के मुंगेर जिला हाजी सुभान स्थित जे न म विद्यालय मे रह रहे कोरोना के संदिग्ध मरीज़ बहुत संख्या मे फरार गाँव वाले में भय का माहौल सरकार की लापरवाही और डॉक्टर पुलिस प्रशासन के कामों पर सवालया निशान

सरकार ने छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर में की भारी कटौती, अगली तिमाही में 1.4 फीसदी तक कम ब्याज

सरकार ने मंगलवार को राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र और लोक भविष्य निधि समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरें 2020-21 की पहली तिमाही के लिये 1.4 प्रतिशत तक घटा दीं। बैंक जमा दरों में कटौती के बीच यह कदम उठाया गया है। लघु बचत योजनाओं पर ब्याज तिमाही आधार पर अधिसूचित किया जाता है
वित्त मंत्री ने एक अधिसूचना में कहा, ‘‘विभिन्न लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों को वित्त वर्ष 2020-21 की अप्रैल-जून तिमाही के लिये संशोधित किया गया है।’’ इस कटौती के बाद एक से तीन साल की मियादी जमा राशि पर ब्याज अब 5.5 प्रतिशत मिलेगा जो अबतक 6.9 प्रतिशत था। यानी इस पर ब्याज में 1.4 प्रतिशत की कटौती की गयी है।
इन मियादी जमाओं पर ब्याज तिमाही आधार पर दी जाती है। पांच साल की मियादी जमा पर ब्याज कम कर 6.7 प्रतिशत किया गया है जो अबतक 7.7 प्रतिशत थी। इन जमाओं पर ब्याज हर तिमाही दिया जाता है। पांच साल की आवर्ती (रेकरिंक) जमा पर ब्याज में 1.4 प्रतिशत की कमी की गयी है। इस कटौती के बाद नई दर 5.8 प्रतिशत होगी। पांच साल के वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर ब्याज 1.2 प्रतिशत कम कर 7.4 प्रतिशत कर दिया गया है जो अबतक 8.6 प्रतिशत थी।
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर भी ब्याज तिमाही आधार पर दिया जाता है। हालांकि बचत खाते पर ब्याज को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखा गया है। अधिसूचना के अनुसार सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज 2020-21 की पहली तिमाही के लिये 7.6 प्रतिशत होगा जो अबतक 8.4 प्रतिशत था। लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र (एनएससी) पर ब्याज दरों में क्रमश: 0.8 प्रतिशत और 1.1 प्रतिशत की कटौती की गयी है।
इस कटौती के बाद 2020-21 की पहली तिमाही पीपीएफ पर ब्याज 7.1 प्रतिशत होगा जबकि एनएससी पर यह 6.8 प्रतिशत होगा। किसान विकास पत्र पर पर अब 6.9 प्रतिशत ब्याज मिलेगा जो अबतक 7.6 प्रतिशत था। नये ब्याज पर परिपक्वता अवधि 124 महीने हो गयी है जो पहले 113 महीने थी।
पिछले महीने ही मिले थे संकेतः आर्थिक मामलों के सचित अतनु चक्रवर्ती ने पिछले महीने ही संकेत दिया था कि बाजार दर के अनुरूप अगली तिमाही के लिये लघु बचत योजनाओं पर ब्याज कम की जा सकती है ताकि मौद्रिक नीति दर का तेजी से लाभ ग्राहकों को मिल सके। बैंक इस बात की शिकयात कर रहे थे लघु बचत योजना पर अधिक ब्याज दर से वे जमा दरों पर ब्याज कम नहीं कर पा रहे हैं।